इंटर के बाद मैट्रिक में भी एक भी छात्र का रिजल्ट पेंडिंग नहीं रहा। सभी छात्रों को उनके अंक पत्र बोर्ड की वेबसाइट से मिले। पिछले दस वर्षों की बात करें तो हर साल पांच से दस हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो जाता था। पेंडिंग होने के बाद छात्रों को बोर्ड का चक्कर लगाना पड़ता था। आवेदन लेने के बाद रिजल्ट सुधार होता था। बोर्ड द्वारा नये सॉफ्टवेयर से रिजल्ट तैयार किया गया। उत्तरपुस्तिकाओं का कई बार मूल्यांकन किया गया।
सिलेबस में बदलाव के हुआ असर
मैट्रिक परीक्षा में 50 और सौ अंक के भाषा विषय की परीक्षा होती थी। कई बार परीक्षा के दौरान कॉपी में उलटफेर होने से रिजल्ट पेंडिंग हो जाता था। लेकिन बिहार बोर्ड द्वारा 2019 में भाषा विषय के अंक पैटर्न में बदलाव किया गया। इसके बाद से पेडिंग रिजल्ट कम हुए। वहीं कॉपी पर बार कोडिंग शुरू हुई। बार कोडिंग से हर कॉपी सुरक्षित रही।
मात्र चार हजार छात्रों का कंपार्टमेंट
बिहार बोर्ड की मानें तो इस बार चार हजार के लगभग छात्रों का रिजल्ट कंपार्टमेंट रहा। कंपार्टमेंट परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ली जायेगी। दो से छह अप्रैल तक कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जायेगा, जबकि तीन लाख के लगभग छात्र मैट्रिक में अनुत्तीर्ण हुए हैं।
साल | पेंडिंग रिजल्ट |
2013 | 9876 |
2014 | 7654 |
2015 | 8765 |
2016 | 8764 |
2017 | 2543 |
2018 | 1543 |
2019 | 189 |
2020 | 89 |
2021 | 23 |
2022 | 00 |
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