बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा गुरुवार को समाप्त हो गयी थी। अंतिम दिन ऐच्छिक विषयों की परीक्षा ली गयी। दो पालियों में ली गयी परीक्षा में हर केंद्र पर छात्रों की संख्या कम थी। मैट्रिक परीक्षा के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जब निष्कासित छात्रों की संख्या दो सौ पार नहीं कर पायी। 2015 की बात करें तो मैट्रिक परीक्षा में सात सौ छात्र निष्कासित किये गये थे। वहीं 2019 में यह संख्या 162 पर आ गयी है। मैट्रिक परीक्षा के दौरान 162 परीक्षार्थी निष्कासित हुए तो वहीं फर्जी परीक्षाथिर्यों के रूप में 55 व्यक्तियों को पकड़ा गया। सबसे ज्यादा मुंगेर और गया जिले से फर्जी छात्र पकड़े गए। जिसकी संख्या सात है। वहीं सबसे ज्यादा निष्कासन गया और मधेपुरा जिले से 20-20 परीक्षाथिर्यों का किया गया।
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अंतिम दिन अध्यक्ष का औचक निरीक्षण
परीक्षा के अंतिम दिन बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने एसआरपीएस राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय, गर्दनीबाग और दयानंद कन्या विद्यालय, मीठापुर स्कूल का औचक निरीक्षण किया। औचक निरीक्षण के बाद बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर पटना स्थित बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय भी गये। इस दौरान उन्होंने सभी अनुपस्थित पाये गये पदाधिकारियों का वेतन भी रोका। इनमें उप सचिव सह प्रभारी पदाधिकारी मेदो दास और सहायक सुमंत सिन्हा शामिल हैं। सुमंत सिन्हा से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार, यह पता चला है कि बिहार बोर्ड मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जल्द ही शुरू करने वाला है।
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