एमपी बोर्ड ने 10-12वीं की परीक्षा में नकल पर लगाम लगाने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। दोनों कक्षाओं के पेपर में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों को खत्म कर दिया गया है। इसके स्थान पर एक- एक अंक वाले 'फिल इन द ब्लैंक्स' प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गई है। बोर्ड ने कार्यपालिक समिति की रिपोर्ट के आधार पर सब्जेक्ट के चैप्टरों को समूह बनाकर अंक योजना जारी की है। इसके अलावा सीबीएसई की तर्ज पर कोर्स में भी बदलाव किया गया है।
एमपी बोर्ड द्वारा 10-12वीं में सीबीएसई पैटर्न पर किताबों को लागू किया गया है। इसी आधार पर पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा 9वीं से 12वीं तक की किताबों का प्रकाशन किया जाता है। अभी तक बोर्ड द्वारा परीक्षा के प्रश्न-पत्रों का पैटर्न परंपरानुसार था।
इसमें 30 अंक तक के ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते थे। इस पैटर्न को बदल दिया गया है। बोर्ड द्वारा जारी अंक योजना में सीबीएसई पैटर्न को लागू किया गया है। सीबीएसई पैटर्न के अनुसार ही वर्ष 2023-24 की 10-12वीं की परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र तैयार किए जाएंगे। सीबीएसई पैटर्न पर बनने वाले पेपर में ऑब्जेक्टिव को खत्म किया जा रहा है। इससे नकल पर रोक लगेगी।
अब चैप्टरों के ग्रुप के आधार पर होगा अंक विभाजन-
विद्यार्थियों को सभी चैप्टर पर फोकस करना होगा। बोर्ड की परीक्षा में अभी तक चैप्टरों के अनुसार अंक निर्धारित किए जाते रहे हैं। इसमें तय था कि किस विषय के कौन से चैप्टर से कितने अंक के प्रश्न आएंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वर्ष 2023-24 हर विषय में चैप्टरों का समूह बनाया गया है। इस समूह में से कितने अंक का प्रश्न पूछा जाएगा, यह बताया गया है।
प्रोजेक्ट कार्य में भी बदलाव
एमपी बोर्ड की 10वीं-12वीं परीक्षा में प्रोजेक्ट के अंकों की कार्यप्रणाली में भी बदलाव किया गया है। माशिमं की 10वीं- 12वीं परीक्षा के रिजल्ट में किसी विषय में 20 और किसी में 25 अंक प्रोजेक्ट के होते हैं। इस बार प्रोजेक्ट विद्यार्थयों की एक्टिविटी पर आधारित रहेगा।
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