बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों को इस बार पेंडिंग रिजल्ट से निजात मिल गयी। बोर्ड द्वारा जारी इंटर रिजल्ट में इस बार एक भी छात्र का रिजल्ट पेंडिग या इनकंप्लीट नहीं रहा। इससे किसी भी छात्र को रिजल्ट सही करवाने के लिए स्कूल या बोर्ड का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है। बिहार बोर्ड के दस साल के रिजल्ट की बात करें तो 2013 में सात हजार से अधिक छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो गया था। यह स्थिति 2018 तक बनी रहती थी। हर साल पांच से दस हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो जाता था।
लेकिन बोर्ड की नयी तकनीक और कई स्टेप पर कॉपी मूल्यांकन और उसकी गहन जांच का परिणाम हुआ कि पेंडिंग केस की संख्या कम हो गयी। बोर्ड की मानें तो 2022 के रिजल्ट में जीरो पेंडिंग रिजल्ट रहा। ज्ञात हो कि बोर्ड द्वारा हर बार कोडिंग के अंकों का मिलान कई स्टेप में किया जाता है। किसी तरह की त्रुटि रिजल्ट में नहीं हो, इसके लिए रिजल्ट तैयार करने में कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल किया गया था। परीक्षकों द्वारा उत्तर पुस्तिका जांच के बाद अंकों को प्रधान परीक्षक द्वारा देखा जाता था।
दस हजार के ऊपर होता था पेंडिंग रिजल्ट
बोर्ड की मानें तो पहले पेंडिंग रिजल्ट की संख्या दस हजार से अधिक होती थी। सबसे ज्यादा 2012 में 40 हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो गया था। इसके बाद बोर्ड में कैंप लगाकर छात्रों से आवेदन लिये गये थे। छात्रों के रिजल्ट में भारी गड़बड़ियां पायी गयी। इसके बाद रिजल्ट में सुधार किया गया था। इसके अलावा 2009 से 2011 तक दस हजार से अधिक का रिजल्ट पेंडिंग रहा।
2.63 लाख परीक्षार्थी फेल
इस बार दो लाख 63 हजार छात्र इंटर परीक्षा में फेल हो गये हैं। इसमें कंपार्टमेंटल देने वालों की संख्या 50 हजार के लगभग है। राज्य भर से 50 हजार के लगभग छात्र कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होंगे। कंपार्टमेंटल परीक्षा अप्रैल अंतिम सप्ताह में ली जायेगी। इससे ये छात्र भी समय पर उच्च शिक्षा में नामांकन ले पायेंगे।
सड़क पर उतर छात्र करते थे हंगामा
पेंडिंग रिजल्ट होने के बाद छात्र बिहार बोर्ड पहुंच कर हंगामा करते थे। इसके बाद बोर्ड द्वारा आवेदन लेकर उसे सुधार किया जाता था, लेकिन पिछले चार साल से इसमें काफी बदलाव आ गया है। छात्रों को अब विषयवार रिजल्ट प्राप्त होता है।
पिछले दस साल में पेंडिंग रिजल्ट की स्थिति
साल | पेंडिंग रिजल्ट की संख्या |
2013 | 7282 |
2014 | 3184 |
2015 | 3807 |
2016 | 3803 |
2017 | 2890 |
2018 | 3408 |
2019 | 174 |
2020 | 90 |
2021 | 20 |
2022 | 00 |
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